कोई हमदम ना रहा कोई सहारा ना रहा हम किसी के ना रहे कोई हमारा ना रहा कोई हमदम ना रहा कोई सहारा ना रहा शाम तन्हाई की है आएगी मंज़िल कैसे शाम तन्हाई की है आएगी मंज़िल कैसे जो मुझे राह दीखाए वोही तारा ना रहा कोई हमदम ना रहा कोई सहारा ना रहा क्या बताओं मैं कहाँ यूँही चला जाता हूँ क्या बताओं मैं कहाँ यूँही चला जाता हूँ जो मुझे फिर से बुलाह ले वो इशारा ना रहा कोई हमदम ना रहा कोई सहारा ना रहा हम किसी के ना रहे कोई हमारा ना रहाTeksty umieszczone na naszej stronie są własnością wytwórni, wykonawców, osób mających do nich prawa.